• अबाउट
  • संपर्क
  • पोस्ट पॉलिसी
  • Login
  • Register
Samvad Plus
  • होम
  • न्यूज़
  • राजनीति
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • व्यक्ति
  • लाइफस्टाइल
  • तकनीक
  • More
    • सामाजिक
    • प्लेस
    • जानकारी
    • साहित्य
  • English
No Result
View All Result
  • होम
  • न्यूज़
  • राजनीति
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • व्यक्ति
  • लाइफस्टाइल
  • तकनीक
  • More
    • सामाजिक
    • प्लेस
    • जानकारी
    • साहित्य
  • English
No Result
View All Result
Samvad Plus
No Result
View All Result
Home शिक्षा

लिंग, लिंग की पहचान और लिंग परिवर्तन के नियम

by SP Desk
July 28, 2022
in शिक्षा
Share on FacebookShare on TwitterShare

लिंग (Gender) – लिंग का अर्थ है -‘चिह्न’! हिंदी में लिंग का व्याकरणिक महत्व है, क्योंकि इसके कारण शब्द का रूप बदलता है; जैसे -लड़का दौड़ता है! लड़की दौड़ती है! इस प्रकार लिंग संज्ञा का वह लक्षण है जो संज्ञा के पुरुषवाची या स्त्रीवाची होने का बोध कराता है! हिंदी में लिंग के दो भेद हैं – (i) पुल्लिंग  (ii) स्त्रीलिंग

जीव जगत में लिंग का भेद प्राकृतिक है, किंतु भाषा में इसे व्याकरण की दृष्टि से देखना अपेक्षित है! प्राणिवाचक संज्ञा शब्दों में लिंग की पहचान उसके नर या मादा होने के कारण सरलता से हो जाती है, किंतु अप्राणिवाचक संज्ञा शब्दों में लिंग की पहचान उसके साथ लगने वाली क्रिया और विशेषण पद से ही हो सकती है! जैसे –

आदमी भोजन कर रहा है (प्राकृतिक लिंग भेद)

RelatedPosts

भारत में प्रथम विभिन्न विषय

विभिन्न क्षेत्रों में विश्व में प्रथम व्यक्ति

भारत के प्रमुख वन्य जीव अभ्यारण्य और राष्ट्रिय उद्यान

औरत खाना बना रही है (प्राकृतिक लिंग भेद)

कूलर चल रहा है (क्रिया से पहचान)

बिजली जल रही है (क्रिया से पहचान)

यह बड़ा कमरा है (विशेषण से पहचान)

(i) पुल्लिंग (Masculine Gender) – ऐसे शब्द जिनसे पुरुष जाति का बोध होता है, उन्हें पुल्लिंग कहते हैं! जैसे – केला, दुकानदार, स्कूटर, बस्ता, अधयापक, वायुयान, टेलीविजन, लड़का आदि!

(ii) स्त्रीलिंग (Feminine Gender) – वे शब्द जिनसे स्त्री जाती का बोध होता है, उन्हें स्त्रीलिंग कहते हैं; जैसे – पुस्तक, साड़ी, कमीज, दीवार, गली, पतंग, बंदूक, फुलवारी आदि!

 

लिंग की पहचान (Identification of Gender) –

प्राणिवाचक संज्ञाओं के लिंग की पहचान – प्राणिवाचक संज्ञाओं के लिंग की पहचान उनकी शारीरिक संरचना से हो जाती है! जैसे – लड़का, युवक, वृद्ध, शेर, चीता, घोड़ा, गधा, सांड, बंदर – इनकी शारीरिक संरचना से इनके पुल्लिंग होने का पता चलता है! चिड़िया, गधी, गाय, स्त्री, लड़की, बूढी, बंदरिया, हथिनी – इनकी शारीरिक संरचना से इनके स्त्रीलिंग होने का पता चलता है!

सदा पुल्लिंग रहने वाले शब्द – कौआ, गीदड़, उल्लू, बगुला, जिराफ, गैंडा, मच्छर, लंगूर, खरगोश आदि!

सदा स्त्रीलिंग रहने वाले शब्द – कोयल, गिलहरी, भेड़, चमगादड़, मक्खी, मैना, मछली आदि!

पदनाम सदैव पुलिंग में होते हैं, चाहे उन पदों पर बैठा व्यक्ति पुरुष हो या स्त्री!

ये शब्द उभयलिंगी हो गए हैं, इनके लिंग क्रिया द्वारा ही निर्धारित होते हैं – राजदूत, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, कुलपति, राष्ट्रपति, इंजिनियर, प्रोड्यूसर, फोटोग्राफर, रिपोर्टर, डॉक्टर, प्रोफेसर, सचिव, सभापति आदि!

नर या मादा लगाकर लिंग का निर्धारण – कुछ संज्ञा शब्दों में लिंग में भेद करने के लिए उनसे पहले नर या मादा शब्द लगा देते हैं! जैसे – नर मछली, नर कोयल, नर गिलहरी, मादा उल्लू, मादा बगुला आदि!

 

अप्राणिवाचक संज्ञाओं के लिंग की पहचान – अप्राणिवाचक संज्ञाओं के लिंग के विषय में निश्चित नियम नहीं है! इनका प्रयोग परंपरा से जिस लिंग के अनुसार होता चला आ रहा है, वही मान्य है! अप्राणिवाचक संज्ञा शब्दों के परंपरानुसार कुछ नियम प्रचलित है!

सदा पुल्लिंग रहने वाले शब्द –

  1. दिनों के नाम – सोमवार, मंगलवार, बुधवार आदि!
  2. महीनों के नाम – चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आदि!
  3. समयसूचक नाम – पहर, पल, क्षण, सेकंड, मिनट, घंटा, दिन, महिना, वर्ष आदि!
  4. फलों के नाम – केला, संतरा, आम, तरबूज, जामुन आदि (लीची, खजूर -स्त्रीलिंग)
  5. तरल पदार्थों के नाम – पानी, तेल, पेट्रोल, दूध आदि (लस्सी, ठंडाई – स्त्रीलिंग)
  6. रत्न और धातुओं के नाम – मूंगा, पुखराज, मोगध, हीरा, लोहा, पीतल आदि (चाँदी-स्त्रीलिंग)
  7. अनाजों के नाम – चावल, गेहूँ, बाजरा, मक्का, चना आदि!
  8. वृक्षों के नाम – अशोक, आम, जामुन, बेर, अमरुद आदि (इमली – स्त्रीलिंग)
  9. देशों के नाम – वियतनाम, मलेशिया, ईरान, नेपाल, मॉरिशस आदि!
  10. पर्वतों के नाम – अरावली, हिमालय, आल्प्स, शिवालिक, हिमालय विंध्य आदि!
  11. समुदों के नाम – हिंद महासागर, अरब सागर, प्रशांत महासागर आदि!
  12. ग्रहों के नाम – मंगल, राहु, बुध, शनि आदि (पृथ्वी – स्त्रीलिंग)
  13. जल के स्थानों के नाम – तालाब, कुआँ, नलकूप, झरना, समुद्र आदि! (नदी, नहर, झील – स्त्रीलिंग)
  14. स्थानों के नाम – मोहल्ला, टोला, गाँव, बाजार, शहर, प्रांत, राज्य, देश आदि! (गली – स्त्रीलिंग)
  15. वर्ण – इ, ई, ऋ, ए, ऐ के अतिरिक्त शेष सभी वर्ण पुल्लिंग!
  16. शरीर के अंगों के नाम – सिर, माथा, नाक, कान, गाल, मुंह, दांत, कंधा आदि!
  17. जिन अप्राणिवाचक संज्ञाओं के अंत में पन, वाला, त्व, त्र, आय, आस, आप, ऐरा, आ, आवा और दान आते हैं; जैसे – चायवाला, नटखटपन, अमरत्व, नेत्र, अध्याय लुटेरा आदि!
  18. अंत में ‘अ’ आने वाले शब्द प्रायः पुल्लिंग होते हैं; जैसे – नयन, पवन, कमल, फूल, भाषण, बचपन आदि!

और पढ़ें : वचन, वचन के भेद और वचन परिवर्तन

 

सदा स्त्रीलिंग रहने वाले शब्द :

  1. बोलियों के नाम – अंगिका, राजस्थानी, मंडियाली, भोजपुरी, मगही आदि!
  2. भाषाओँ के नाम – हिंदी, संस्कृत, मराठी, पंजाबी, नेपाली, फ्रेंच, अंग्रेजी, फारसी आदि!
  3. लिपियों के नाम – देवनागरी, गुरुमुखी, अरबी, रोमन आदि!
  4. झीलों के नाम – नैनी, डल, मानसरोवर आदि!
  5. नदियों के नाम – सतलुज, रावी, ब्यास, यमुना, गंगा, गोदावरी आदि (ब्रह्मपुत्र – पुल्लिंग)
  6. आहारों के नाम – खिचड़ी, रोटी, चपाती, दाल, कढ़ी, कचौड़ी, इडली आदि!
  7. किराने की वस्तुएँ – चीनी, इलायची, अरहर, मूँग, सौंफ, मिर्च आदि!
  8. शरीर के अंगों के नाम – आँख, नाक, थोड़ी, गर्दन, छाती, जाँघ, बाँह, उँगलियाँ टाँग आदि!
  9. बर्तनों के नाम – थाली, कटोरी, चम्मच, प्लेट, कढ़ाई आदि!
  10. महीनों के नाम – जनवरी, फरवरी, मई, जुलाई!
  11. आभूषणों के नाम – माला, अँगूठी, चूड़ी, कंठी, बाली आदि!
  12. अंत में आहट, आवट, आई, आस, ता आने वाली भाववाचक संज्ञाएँ – घबराहट, बुलाहट, गरमाहट, मिलावट, पढाई, कमाई, मिठास, प्यास, ममता, प्रभुता आदि!
  13. अंत में ‘आ, इ, इमा, उ, ति, नि आने वाले संस्कृत शब्द – लज्जा, दया, कृपा, बुद्धि, गति, कालिमा, तनु, रेणु आदि!
  14. अंत में ‘अ, ई, ऊ, ख, त आने वाली संज्ञाएँ; जैसे – बात, रात, लात, चमक, जीवन, खेल, चीख, भीख, ईख, राख, झाड़ू, लू, बाल आदि!

 

लिंग परिवर्तन – प्रायः पुल्लिंग शब्दों के साथ प्रत्यय लगाने से स्त्रीलिंग शब्द बन जाते हैं! कुछ शब्द सदा स्त्रीलिंग या पुल्लिंग ही रहते हैं, इनके आगे नर या मादा लगाकर उनके पुल्लिंग या स्त्रीलिंग बना लिए जाते हैं! पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम –

  1. पुल्लिंग शब्दों के अंत में आए ‘अ’ और ‘आ’ के स्थान पर ‘ई’ लगाकर – कबूतर – कबूतरी, ब्राह्मण-ब्राह्मणी, गधा-गधी!
  2. अंत में आए ‘अ’ और ‘आ’ के स्थान पर ‘इया’ लगाकर – चूहा – चुहिया, खाट – खटिया!
  3. पुल्लिंग शब्दों के अंत में आए ‘अ’ और ‘आ’ के स्थान पर ‘ई’ लगाकर – मोह्याल – मोहयालिन, लुहार – लुहारिन!
  4. अंत में आए ‘अ’ ‘आ’ और ‘ई’ के स्थान पर ‘इन लगाकर – लाला – ललाइन, चौबे – चौबाइन आदि!
  5. अंत में ‘नी’ लगाकर – जाट – जाटनी, मोर – मोरनी, भाट – भाटनी आदि!
  6. अंत में ‘आ’ लगाकर – अध्यक्ष – अध्यक्षा, अनुज – अनुजा आदि!
  7. अंत में आनी लगाकर – चौधरी – चौधरानी, मेहतर – मेहतरानी आदि!
  8. अंत में आए ‘अक’ के स्थान पर ‘इका’ लगाकर – लेखक – लेखिका, पाठक – पाठिका आदि!
  9. अंत में आए ‘मान’ और ‘वान’ के स्थान पर ‘मती’ और ‘वती’ लगाकर – सत्यवान – सत्यवती, श्रीमान – श्रीमति!
  10. अंत में आए ‘अ’ और ‘ई’ के स्थान पर ‘इनी’ और ‘इणी’ लगाकर – यशस्वी – यशस्विनी, सर्प – सर्पिणी!
  11. अंत में आए ‘ता’ के स्थान पर ‘त्र’ लगाकर – दाता – दात्री, विधाता – विधात्री आदि!
  12. सदा पुल्लिंग रहने वाले शब्दों से पहले ‘मादा’ लगाकर – खरगोश – मादा खरगोश, उल्लू – मादा उल्लू!
  13. सदा स्त्रीलिंग रहने वाले शब्दों से पहले ‘नर’ लगाकर – लोमड़ी – नर लोमड़ी, मक्खी – नर मक्खी!
  14. भिन्न रूप वाले पुल्लिंग-स्त्रीलिंग शब्द लगाकर – राजा – रानी, पति – पत्नी, साधु – साध्वी, सम्राट – सम्राज्ञी, विद्वान् – विदुषी, बादशाह – बेगम, विधुर – विधवा, विलाव – बिल्ली आदि!

और पढ़ें (Next Topics) : सर्वनाम, सर्वनाम के भेद और सर्वनामों का रूप परिवर्तन

 

उम्मीद है ये उपयोगी पोस्ट आपको जरुर पसंद आया होगा! पोस्ट को पढ़ें और शेयर करें (पढाएं) तथा अपने विचार, प्रतिक्रिया, शिकायत या सुझाव से नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें अवश्य अवगत कराएं! आप हमसे हमसे  ट्विटर  और  फेसबुक  पर भी जुड़ सकते हैं!

Tags: GenderHindi Vyakarankinds of genderLingलिंगहिंदी व्याकरण
Previous Post

संज्ञा, संज्ञा के भेद, संज्ञा के कार्य और संज्ञा के विकार

Next Post

वचन क्या है, वचन के भेद और वचन परिवर्तन

Related Posts

भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना

July 23, 2022

भारत की प्रमुख झीलें एवं भारत के प्रमुख जलप्रपात

July 23, 2022

भारत के प्रमुख बाघ अभ्यारण्य कौन कौन हैं

July 23, 2022

भारत के प्रमुख स्थानों के भौगोलिक उपनाम

July 23, 2022

भारत के पडोसी देश, उससे लगते भारतीय राज्य एवं भारत के प्रमुख दर्रे

July 23, 2022

विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े भारत में प्रथम पुरुष (व्यक्ति)

July 23, 2022
Next Post

वचन क्या है, वचन के भेद और वचन परिवर्तन

Recent News

farmani naaz reacts to fatwa

हर हर शंभू गाने वाली फरमानी का उलेमाओं को जवाब , बोलीं- जब पति ने पीटा तब कहां थे

August 2, 2022
nora fatehi biography wiki profile

नोरा फतेही विकी, बायो, आयु, करियर और जीवन परिचय

August 6, 2022
jasmin bhasin wiki biography profile

जैस्मीन भसीन विकी, बायो, आयु, करियर और जीवन परिचय

August 6, 2022
urvashi rautela

उर्वशी रौतेला ने आलिया भट्ट और रणबीर कपूर को दी शादी की शुभकामनाएं

July 22, 2022
pavapuri

पावापुरी सिर्फ एक प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक तीर्थ स्थल

July 23, 2022
  • अबाउट
  • संपर्क
  • प्राइवेसी
Write for Us

© Samvad Plus - News, Opinion and Infotainment Website

  • Login
  • Sign Up
  • होम
  • न्यूज़
  • राजनीति
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • तकनीक
  • शिक्षा
  • व्यक्ति
  • जानकारी
  • English

© Samvad Plus - News, Opinion and Infotainment Website

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In