वचन संज्ञा पदों का वह लक्षण है जो एक या अधिक का बोध कराता है; जैसे – घोड़ा – घोड़े, पुस्तक – पुस्तकें आदि! इन वाक्यों को ध्यान से देखें – १. लड़का जाता है! २. लड़के जाते हैं! इसमें लड़का एक होने का बोध कराता है, जबकि लड़के का प्रयोग बहुवचन में हुआ है!
वचन के भेद (Kinds of Number) – वचन के दो भेद होते हैं – १. एकवचन (Singular) २. बहुवचन (Plural)
१. एकवचन – ऐसे शब्द जिनसे एक संख्या का बोध होता है, उन्हें एकवचन कहते हैं; जैसे – पेड़, सड़क, दीवार, गमला आदि!
२. बहुवचन – ऐसे शब्द जिनसे एक से अधिक संख्याओं का बोध होता है, उन्हें बहुवचन कहते हैं; जैसे – चिड़ियाँ, साइकिलें, मोहल्ले, बच्चे आदि!
वचन की पहचान – वचन को दो तरह से पहचाना जाता है; (i) संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण द्वारा (ii) क्रिया द्वारा
(i) संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण द्वारा वचन की पहचान – वाक्य में संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण का प्रयोग जिस वचन में होता है, उससे वचन की पहचान होती है, जैसे – युवतियाँ झुला झूलती है! थोड़े बच्चे शोर मचा रहे हैं!
(ii) क्रिया द्वारा वचन की पहचान – कुछ वाक्यों में वचन की पहचान क्रिया द्वारा होता है, ऐसा तब होता है जब वचन की पहचान संज्ञा आदि से नहीं हो पाती; जैसे – अधयापक पढ़ा रहा है! अधयापक पढ़ा रहे हैं!
सदा एकवचन रहने वाले शब्द – कुछ संज्ञा शब्द सदा एकवचन रहते हैं! इनका प्रयोग सदा एकवचन के रूप में होते हैं; जैसे – भीड़, जनता, आकाश, सोना, दूध, घी, मक्खन, पानी, वर्षा आदि!
सदा वहुवचन रहने वाले शब्द – कुछ संज्ञा शब्द सदा बहुवचन रहते है! इनका प्रयोग सदा बहुवचन के रूप में होता है; जैसे – होश, प्राण, आंसू, हस्ताक्षर, दर्शन, बाल, लोग आदि!
एकवचन शब्दों का बहुवचन के रूप में प्रयोग – कई बार एकवचन शब्दों का प्रयोग बहुवचन के रूप में किया जाता है!
आदर सम्मान प्रकट करने के लिए एक व्यक्ति के लिए भी बहुवचन का प्रयोग होता है; जैसे – स्वामी कृपाशंकर समय पर पहुँच गए!
अभिमान प्रकट करने के लिए बहुवचन का प्रयोग किया जाता है; जैसे – हमारी तो बात तो ही कुछ और है! इसमें मेरी की जगह पर हमारी का प्रयोग हुआ है अभिमान प्रकट करने के लिए!
और पढ़ें : कारक, कारक के भेद और संज्ञा का रूपांतरण
वचन परिवर्तन (Change of Numbers) –
- स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में आए ‘अ’ का ‘एँ’ होना – राह -रहें, बोतल – बोतलें, बाँह – बाँहें आदि!
- स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में आए ‘आ’ के साथ ‘एँ’ जोड़कर – लता – लताएँ, गाथा – गाथाएँ, बाला – बालाएँ आदि!
- पुल्लिंग शब्दों के अंत में आए ‘आ’ के स्थान पर ‘ए’ लगाकर – बच्चा – बच्चे, पपीता – पपीते, लड़का – लड़के आदि!
- स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में आए ‘इ’ , ‘ई’ के स्थान पर ‘इयाँ’ लगाकर – चपाती – चपातियाँ, नारी – नारियाँ आदि!
- स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में आए ‘या’ के स्थान पर ‘याँ’ लगाकर – बुढ़िया – बुढ़ियाँ, लुटिया – लुटियाँ आदि!
- संज्ञा शब्दों के अंत में आए ‘अ’ के स्थान पर ‘ओं’ लगाकर – गिटार – गिटारों, अख़बार – अख़बारों आदि!
- संज्ञा शब्दों के अंत में आए ‘आ’ के साथ ‘ओं’ लगाकर – कविता – कविताओं, माता – माताओं आदि!
- संज्ञा शब्दों के अंत में आए ‘ऊ’ को ‘उ’ में बदलकर और ‘ओं’ लगाकर – पढ़ाकू – पढ़ाकुओ, लड्डू – लड्डुओं आदि!
और पढ़ें (Next Topics) : सर्वनाम, सर्वनाम के भेद और सर्वनामों का रूप परिवर्तन
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