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Home न्यूज़

ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील, मिशेल और गाँधी फैमिली

by Bhaiyyaji
July 30, 2022
in न्यूज़

छायाचित्र सौजन्य : इन्टरनेट!

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अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल को भारत ने यूएई से गिरफ्त में लिया और उसे दिल्ली के कोर्ट में पेश करने के बाद पांच दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा दिया गया! Christian Michel मूल रूप से ब्रिटेन का रहने वाला है! घोटाले के आरोप के साथ यह सौदा सबसे पहले साल 2012 में चर्चा में आया था, फिर धीरे धीरे शांत होने लगा! लेकिन Christian Michel  की गिरफ़्तारी के बाद और अब फिर से ये सौदा दोबारा चर्चा में आ गया है! इस सौदे में गड़बड़ी के मामले से गांधी परिवार का भी नाम जोड़ा जाता रहा है! आइए जानते है इस पूरे मामले में कितनी सच्चाई है और कितना फसाना है!

 

इस हेलिकॉप्टर सौदे की शुरुआत 1999 में हुई थी तब एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे! तब एमआई-8 हेलिकॉप्टर के पुराने हो जाने पर भारत की वायु सेना ने VVIP लोगों के लिए नए हेलिकॉप्टर की जरूरत की बात कही थी! हेलिकॉप्टर को खरीदने से पहले कुछ शर्तें भी रखी गईं कि हेलिकॉप्टर कैसा होना चाहिए और उसमें क्या खासियतें होनी चाहिए!

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तब कहा गया था कि हेलिकॉप्टर ऐसे होने चाहिए जो 6 हजार मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकें, लेकिन उस वक्त तत्कालीन एयर मार्शल चीफ ने यह डील आगे नहीं बढ़ने दी थी क्योंकि डील के लिए केवल एक ही कंपनी मौजूद थी! इस प्रस्ताव के बाद एक और प्रस्ताव रखा गया! प्रधानमंत्री को सुरक्षा देने वाली एजेंसी ने कहा कि हेलिकॉप्टर की सीलिंग इतनी ऊंची होनी चाहिए कि उसके अंदर कोई व्यक्ति खड़ा हो सके! इन शर्तों को देखते हुए तीन कंपनियां आगे आईं, जिनमें से एक अगस्ता वेस्टेलैंड भी थी! लेकिन डील किसी न किसी वजह से लटकी ही रही!

 

फिर सरकार बदल गई और साल 2010 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी! इस सरकार के दौरान हेलिकॉप्टर के प्रस्तावों में बदलाव किया गया और ये सौदा एंग्लो-इटालवी कंपनी Augusta Westland के साथ पक्का कर दिया गया! जहां पहले हेलिकॉप्टर 8 थी वह अब 12 कर दी गई! ये हेलिकॉप्टर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति तथा अन्य वीवीआईपी लोगों को लिए थे! उजाला के अनुसार सरकार ने कंपनी के साथ 556 मिलियन यूरो यानी करीब 3546 करोड़ रुपए का सैदा किया!

 

भारत को साल 2012 में तीन हेलिकॉप्टर भी मिल गए! Augusta Westland कंपनी का हेडक्वार्टर ब्रिटेन में है जबकि उसकी पैरेंट कंपनी Finmechanica इटली की है! भारत में सब शांति था, किसी कोई भनक तक न थी! उसी दौरान इटली की जांच एजेंसियां ने आरोप लगाया कि इस सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है! इटली की स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सौदे में से 10 फीसदी बिचौलियों के बीच बंटा है! कुछ ही महीनों बाद इटली की जांच एजेंसियों ने बिचौलिए गुइदो हाश्के को गिरफ्तार किया! उस पर आरोप लगाया गया कि उसने भारत से सौदा कराने के लिए 5.1 करोड़ यूरो यानी करीब 357 करोड़ रुपये लिए थे!

 

इटली की पुलिस ने साल 2013 में फिनमैकेनिका के पूर्व चेयरमैन ग्यूसेप ओरसी, अगस्ता वेस्टलैंड के सीईओ ब्रूनो स्पैग्नोलिन को गिरफ्तार किया! इसके अलावा हाश्के सहित कुछ अन्य बिचौलियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया! इन लोगों की गिरफ्तारी के बाद भारत में भी इस मामले ने तूल पकड़ लिया और सड़क से संसद तक संग्राम छिड़ गया! जिसके बाद तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए और सौदा रद्द करने के आदेश दिए!

 

भारत में सीबीआई जांच के आदेश के करीब दो सप्ताह के बाद 11 लोगों की जांच शुरू हुई! इन लोगों में पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी का नाम भी सामने आया! क्योंकि त्यागी का नाम इटली की पुलिस एजेंसी और पुलिस ने कई बार भ्रष्टाचार के आरोपी लोगों से जोड़ा था! एसपी त्यागी ने हेलिकॉप्टर में नई शर्तें जोड़ीं और पहले की शर्तों में भी बदलाव किया ताकि ये सौदा अगस्ता वेस्टलैंड के साथ हो सके! त्यागी ने नई शर्त जोड़ी कि हेलिकॉप्टर में कम से कम दो इंजन होने चाहिए! साल 2004 में वाजपेयी सरकार के जाने के बाद सत्ता यूपीए सरकार के हाथों में आ गई थी! मार्च 2005 में हेलिकॉप्टर के ऊंचा उड़ने की शर्त में भी बदलाव किया गया! पहले ये शर्त 6 हजार मीटर थी, जिसे बाद में 4500 मीटर कर दिया गया!

 

इस सौदे को कई कंपनियां करना चाहती थीं लेकिन आखिर में केवल दो कंपनियों को ही चुना गया! एक कंपनी तो अगस्ता वेस्टलैंड ही थी जबकि दूसरी अमेरिका की कंपनी साइकोरस्की थी! ऊपर से इन हेलिकॉप्टर्स का ट्रायल अमेरिका और ब्रिटेन में हुआ, जो कि नियमों के खिलाफ था! इनका परीक्षण भारत में ही किया जाना चाहिए था! वहीं हेलिकॉप्टर की संख्या को 8 से 12 करने के पीछे भी त्यागी का ही हाथ माना जाता है! बताया जाता है कि इन सभी शर्तों पर अमेरिकी कंपनी साइकोरस्की खरी उतरी थी लेकिन इसके बावजूद Augusta Westland को प्राथमिकता दिया गया और 2010 में सौदा पक्का कर दिया गया! जबकि Augusta Westland ऐसे हेलिकॉप्टर बनाती है जो 4500 मीटर से ऊंचे नहीं उड़ सकते! शायद इसी को देखते हुए प्लानिंग के साथ पहले ही ऊंचाई वाली शर्त को बदलकर कम कर दिया गया था!

 

सीबीआई के अनुसार त्यागी ने दलाल के जरिए कंपनी से घूस लेकर सौदे में बदलाव किए थे! साल 2014 में प्रवर्तन निदेशायल ने चंडीगढ़ में फर्जी कंपनी चला रहे वकील गौतम खेतान को गिरफ्तार किया, उसपर घूस के पैसे कंपनी के खातों में डालने के आरोप लगे! बाद में पता चला कि खेतान के तार त्यागी से भी जुड़े थे! त्यागी पर आरोप लगा कि उन्हें दलाल हाश्के ने कई लोगों के माध्यम से घूस दी, जिनमें खेतान भी शामिल है! सितंबर में सीबीआई ने चार्टशीट दाखिल की, जिसके बाद दिसंबर में त्यागी को गिरफ्तार किया गया लेकिन उन्हें बाद में जमानत मिल गई!

 

इस मामले को गांधी परिवार से भी जोड़ा जा रहा है, इसकी वजह है बिचौलिए मिशेल द्वारा लिखा एक खत! जानकारी के मुताबिक उसने ये खत मार्च 2008 में अगस्ता के भारतीय प्रमुख को लिखा था! उसने कहा था कि गांधी फैमिली सौदे की ड्राइविंग फोर्स है और आगे से वह एन18 में उड़ान नहीं भरेंगे! वहीं मिलान की एक अदालत ने अपने फैसले में बिचैलियों की जिस बात का जिक्र किया था, उसमें एपी और फैमिली जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया! आरोप में कहा जा रहा है कि एपी का मतलब अहमद पटेल और फैमिली का मतलब गांधी परिवार है! भारत में भी हाश्के द्वारा मिशेल को लिखा गया वो पत्र चर्चा में रहा जिसमें संकेतों के जरिए कई भारतीय राजनेताओं का नाम शामिल था!

 

Christian Michel जो ब्रिटिश नागरिक है, उसपर आरोप है कि उसने कंपनी के कहने पर भारत सरकार और वायु सेना अधिकारियों को सौदे के लिए मनाया है! इसके बदले में उसने 240 करोड़ और 225 करोड़ की घूंस बांटने के लिए दो करार किए हैं! वह सौदे के दौरान 25 बार भारत आया था और दुबई स्थित अपनी कंपनी की मदद से भारत पैसा भेजता था! फरवरी 2017 में इंटरपोल नोटिस भेजने के बाद उसे यूएई में हिरासत में लिया गया और सितंबर 2018 में दुबई की अदालत ने उसे भारत में प्रत्यर्पित करने की इजाजत दे दी!

 

मिशेल को भारत लाने के लिए भारतीय सुरक्षा सलाहकार Ajit Doval के नेतृत्व में एक ऑपरेशन चलाया गया जिस के बाद मिशेल को यूएई से भारत लाया गया है! इस अभियान को सीबीआई ने Operation Unicorn नामक कोडनेम दिया गया था! कहा जाता है की ब्रिटेन के दवाब में युएई मिचेल को भारत को सौंपना नहीं चाहता था! लेकिन Ajit Doval की रणनीति को नाकामयाब न कर सका और उसे मिशेल को भारत को सौंपना ही पड़ा! कहा जा रहा है की इसमें युएई के राजकुमारी का भी कोई एंगल है जिसके एवज में मज़बूरी में युएई को मिशेल को भारत को सौंपना पड़ा!

 

मिशेल के भारत आने के बाद से बहुत से राजनेता और लोग डरे हुए हैं! इस बात को ब्रिटेन में रह रहे भगोड़े शराब कारोबारी Vijay Mallya से भी जोड़ा जा रहा है! माल्या ने मिशेल के भारत आने के बाद अपना सारा ऋण चुकाने की बात कही है! कहा जा रहा है की Christian Michel की गिरफ़्तारी से ब्रिटेन में भी बेचैनी है! और जो ब्रिटेन किसी अप्रत्यक्ष वजहों से विजय माल्या मामले में दोगली रणनीति अपना रहा था, अब उस पर विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने का दवाब बढ़ जाएगा! अगर मिशेल को प्रत्यर्पित या मुक्त कराने का प्रयास करता है!

 

मिशेल के भारत लाए जाने के तुरंत बाद यूथ कांग्रेस के लीगल सेल से जुड़े अल्जो के. जोसेफ स्पेशल सीबीआई कोर्ट में मिशेल के वकील बनकर पेश हुए! अब मिशेल को कानूनी मदद देने के लिए उसकी वकील रोजमैरी पातरेजी ने भारतीय वीजा के लिए आवेदन किया है! साथ ही ब्रिटेन के उच्चायोग ने भी भारत सरकार को लेटर लिखकर अपील की है कि उसे उनके राजनयिक से मिलने दिया जाए! वैसे कहा ये जा रहा है की मिशेल को सजा दिलाना मुश्किल हो सकता है! इसका कारण ये कारण बताया जा रहा है कि अगर दलाली का पैसा विदेशी कंपनी का है तो उसपर भारत में अपराध साबित करना मुश्किल है! लेकिन मिशेल के बदले अगर माल्या का प्रत्यार्पण कराया जाता है तो भी ये सौदा बुरा नहीं!

Tags: Ajit DovalAugusta WestlanChristian MichelVijay Mallya
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