कांग्रेस, टीपू सुल्तान की जयंती जिस जोर शोर से मना रही है, लोगों के विरोध के बावजूद मना रही है वो ये बताने के लिए काफी है की कांग्रेस बदली नहीं है! कांग्रेस आज भी छद्म सेकुलरिज्म और तुष्टिकरण की बीमारी से गंभीर रूप से ग्रसित है! सॉफ्ट हिंदुत्व तो मज़बूरी में धारण किया गया एक चुनावी मुखौटा भर है!
राहुल गाँधी के चुनाव दर चुनाव दुग्गल साहब बनने की कला के बारे में एक व्यंग काफी चर्चित रहा है पिछले दिनों की “चुनावी मौसम का बदलता हुआ फ़साना हूँ मैं, गुजरात में जनेउधारी ब्राह्मण तो कर्नाटक में मौलाना हूँ मैं! और राहुल बाबा का ये सॉफ्ट हिंदुत्व वाला रूप कोई ह्रदय परिवर्तन के कारण नहीं है, बल्कि अंटोनी साहब के काफी गहरे रिसर्च के बाद तैयार हुआ चुनावी मुखौटा है! जिसे नरेंद्र मोदी के शुद्ध हिंदुत्व वाली छवि को काटने के लिए तैयार किया गया है! मोदी जी गए तो कांग्रेस का ये मुखौटा भी चला जाएगा और रह जाएगा फिर वही पुराना असली कांग्रेसी तुष्टिकरण की दुकान!
गुजरात चुनाव के समय कांग्रेस ने राहुल गाँधी को पहली बार एक नए जनेउधारी ब्राम्हण के रूप में पेश किया था! गुजरात चुनाव ख़त्म, कांग्रेस का ब्राम्हण प्रेम खत्म! अब जरा सोचिए कोई भी ब्राम्हण भला उस Tipu Sultan की जयंती कैसे मना सकता है, जिसपर धर्म परिवर्तन के लिए लगभग 800 ब्राम्हणों की हत्या करवाने का आरोप है! इतिहास गवाह है की टीपू सुल्तान के आतंक के कारण आज भी कर्नाटक के मेलकोटे गाँव के लोग दिवाली नहीं मानते!
कांग्रेस के Tipu Jayanti मनाने के बाद एक बात तो साफ़ है की या तो राहुल बाबा नकली गाँधी की ही तरह नकली ब्राम्हण भी है या फिर कांग्रेस का ब्राम्हण प्रेम और सॉफ्ट हिंदुत्व सिर्फ एक चुनावी धोखा है! हकीकत में अभी भी वही पुरानी कांग्रेस है जिसका अध्यक्षा बाटला के आतंकियों के लिए रोती है, उपाध्यक्ष टुकड़े गैंग का साथ देता है और गृह मंत्री हिन्दू आतंकवाद की साजिश रचता है!
अंत में एक सवाल उन NOTA वीरों से पूछना चाहता हूँ जो कांग्रेस के हिन्दू एकता को तोड़ने के लिए रची गई साजिश के शिकार हो रहे हैं की मजा तो बहुत आया होगा टीपू जयंती मनाकर? इसी तरह टूटते फूटते रहो; भविष्य में कई मेलकोटे गाँव मिलेंगे, जहाँ दिवाली न होगी, कई भगवा आतंकी मिलेंगे जेलों में, चौराहों पर अफजल की जयंती मनाई जाएगी, भारत तेरे टुकड़े जैसे नारे JNU से निकलकर गलियों तक पहुंचेगी! क्या सह पाओगे ये सब? या तब भी ऐसे ही मजा लोगे और नोटा चुनोगे?