यूजर्स की जासूसी के मामले में वॉट्सएप ने सरकार को अपना जवाब भेज दिया है। वॉट्सएप प्रवक्ता ने कहा कि हमारी उच्च प्राथमिकता यूजर्स की निजता और सुरक्षा है। मई में हमने सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा सुलझा लिया था और भारतीय व अंतरराष्ट्रीय सरकारों को इसके बारे में बता दिया था।
WhatsApp Spokesperson: Since then we’ve worked to identify targeted users to ask the courts to hold the international spyware firm known as the NSO Group accountable. https://t.co/83Jdk3zyZG
— ANI (@ANI) November 1, 2019
वॉट्सएप के प्रवक्ता ने कहा कि हम भारत सरकार से पूरी तरह सहमत है, हम दोनों मिलकर सुरक्षा को कमजोर करने के हैकर्स के प्रयासों को नाकाम कर यूजर्स की सुरक्षा कर सकते हैं। वॉट्सएप ने CERT-IN को सूचित कर दिया था जो कि एक सरकारी एजेंसी है। आप इस चित्र में इसे देख भी सकते हैं। ये पूरी तरह से एक तकनीकी संवाद है जिसमें पीगासस का जिक्र नहीं है।
Sources: WhatsApp had given information to CERT-IN, a government agency as seen in the attached image in May. As is seen in the image, it is a communication in pure technical jargon without any mention of Pegasus or the extent of breach. pic.twitter.com/RPIgIntu1X
— ANI (@ANI) November 1, 2019
गौरतलब हो की कल से ही राहुल गाँधी सहित विपक्ष के तमाम नेता सरकार पर जासूसी करने का आरोप लगा रहे थे। लेकिन सरकार ने इसके लिए वॉट्सएप को नोटिस भेज कर इस संबंध में जवाब माँगा था, और आज वॉट्सएप ने सरकार को जवाब भेजा है। टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पहले ही ये जानकारी ट्वीट कर दे दी थी। लेकिन विपक्ष को तो बैठे बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया था, इसलिए पूरा विपक्ष कल से आज तक इस मामले पर सरकार के खिलाफ बोलते रहे और उनके कार्यकर्त्ता दिनभर सोशल मीडिया में इसे ट्रेंड करते रहे।
The Govt seeking WhatsAop’s response on who bought Pegasus to spy on Indian citizens, is like Modi asking Dassault who made money on the sale of RAFALE jets to India!#WhatsApp https://t.co/6zlqXKGTFG
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 31, 2019
हकीकत ये थी एप्प के सिक्यूरिटी से जुड़ी, लेकिन विपक्ष जानबूझकर इसे जासूसी जैसे प्रकरण जोड़ने का बेवजह प्रयास करता रहा। सोशल मीडिया में अक्सर प्राइवेसी से जुड़े मसले सामने आते हैं, लोगों को इस संबंध में जागरूक करते रहना चाहिए। लेकिन इस तरह निम्न स्तर की राजनीति के लिए, मुद्दों के आभाव में सरकार पर हमला करने के लिए इस तरह के मुद्दों का इजाद करके, भ्रामक बातें फैला कर जनता में अविश्वास पैदा करना और डिजिटल इंडिया के मुहीम को झटका देने का प्रयास करना सही नहीं है। लेकिन वॉट्सएप के जवाब के बाद लोगों को असलियत और प्रोपगंडा के बिच का अंतर पता चल रहा होगा।
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