• About
  • Contact
  • Post Policy
  • Login
  • Register
Samvad Plus
  • Home
  • News
  • Opinion
  • Politics
  • Entertainment
  • Vyakti
  • Education
  • Lifestyle
  • Tech
  • More
    • Social
    • Place
    • Info
    • Sahitya
    • People
No Result
View All Result
Samvad Plus
  • Home
  • News
  • Opinion
  • Politics
  • Entertainment
  • Vyakti
  • Education
  • Lifestyle
  • Tech
  • More
    • Social
    • Place
    • Info
    • Sahitya
    • People
No Result
View All Result
Samvad Plus
No Result
View All Result
Home Politics

मायावती का रावण पर आरोप बेवजह नहीं, जय भीम जय मीम के भयंकर षड्यंत्र से उपजा है

by Vikrant
December 22, 2019
in Politics
0
ShareTweetPinSend

बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक ट्वीट करते हुए भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर रावण पर दलित वोटों के बंटवारे का आरोप लगाते हुए कहा की रावण द्वारा दिल्ली जाकर गिरफ़्तारी देना एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। दलितों का आम मानना है कि भीम आर्मी का चन्द्रशेखर, विरोधी पार्टियों के हाथों खेलकर खासकर बी.एस.पी. के मज़बूत राज्यों में षड़यन्त्र के तहत चुनाव के करीब वहाँ पार्टी के वोटों को प्रभावित करने वाले मुद्दे पर, प्रदर्शन आदि करके फिर जबरन जेल चला जाता है।

 

1. दलितों का आम मानना है कि भीम आर्मी का चन्द्रशेखर, विरोधी पार्टियों के हाथों खेलकर खासकर बी.एस.पी. के मज़बूत राज्यों में षड़यन्त्र के तहत चुनाव के करीब वहाँ पार्टी के वोटों को प्रभावित करने वाले मुद्दे पर, प्रदर्शन आदि करके फिर जबरन जेल चला जाता है।

— Mayawati (@Mayawati) December 22, 2019

RelatedPosts

विपक्ष और मीडिया ने बिहार में पुल बहने का झूठ परोसा, सच्चाई सामने आई

ममता का विपक्षी एकता से मोहभंग, सोनिया की बैठक का किया बहिष्कार

नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित, पढ़ें संसद में क्या कहा अमित शाह ने

 

आगे उन्होंने कहा की रावण उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, लेकिन वो दिल्ली में जाकर प्रदर्शन करके जबरन गिरफ़्तारी देता है, क्योंकि दिल्ली में चुनाव है। आजतक की पत्रकार चित्रा त्रिपाठी ने लिखा की पहली बार किसी दलित नेता से डर रही हैं बहन जी। वैसे तो मायावती के डर के पीछे की सिर्फ अपने राजनीति का आधार दलित वोटों के खिसक जाने की संभावना है। लेकिन हम वृहद् पैमाने पर देखें तो ये सिर्फ दलित वोटों के खेल जितनी छोटी सी बात नहीं है, इसके पीछे बहुत बड़ा खेल है।

 

पहली बार किसी दलित नेता से इतना डर रही हैं बहन जी! चन्द्रशेखर क्या वास्तव में BSP के लिये ख़तरा है? https://t.co/oW8edoyBRw

— Chitra Tripathi (@chitraaum) December 22, 2019

 

इसके पीछे की बड़ी वजह है भीम आर्मी के नेता रावण का कुछ उन तत्वों के हाथों में खेलना जो छल से न सिर्फ दलित वोटों का राजनीति के लिए इस्तेमाल करना चाहता है, बल्कि उनका इस्लामिक प्रभुत्व के लिए गलत इस्तेमाल करना चाहता है। और इसके लिए सबसे पहले दलित वोटों को मायावती से छिनना होगा, और यही मायावती की चिंता की सबसे बड़ी वजह है। मायावती को इसकी चिंता नहीं है की दलितों का गलत इस्तेमाल किया जाएगा, उनकी चिंता है की दलित वोट उनसे खिसक जाएगा।

 

अब बताते हैं की दलित वोटों का क्या गलत इस्तेमाल करना चाहता है वो तत्व जिसके हाथों में रावण खेल रहा है! आपने देखा होगा की पिछले कुछ सालों या महीनों से जय भीम जय मीम जैसे बेसिर पैर के नारे उछाले जा रहे हैं, दलितों को हिन्दुओं से अलग एक समुदाय साबित करने का जीतोड़ प्रयास किया जा रहा है, रावण का महमूद पराचा और उसके पीछे खड़े इस्लामिक ताकतों के साथ सांठगांठ, मौलवियों का हर टीवी डिबेट में दलितों को मुस्लिमों से मिलाने के प्रयास, चाहे किसी टॉपिक पर डिबेट हो रही हो। और ये भी बेवजह नहीं है बल्कि एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है।

 

ऐसा कहा जा रहा है की भीम आर्मी का रावण जिसके हाथों में खेल रहा है वो इस्लामिक ताकतें रावण के जरिए दलितों का इस्तेमाल करना चाह रहा है। इनका दलितों के उत्थान से कोई लेना देना नहीं है, बल्कि उनका इस्तेमाल करके भारत को इस्लाम की तरफ ले जाने का सोची समझी रणनीति है। इस इस्लामिक ताकतों के मुखौटे के रूप में काम कर रहा है महमूद पराचा। पहले तो दलितों को हिन्दुओं से अलग साबित करना है, फिर इनके बिच नफ़रत की खाई खोदनी है। उसके बाद शुरू होता है मास कन्वर्शन का खेल, और इसके जरिए काफी सारे इलाके में मुसलमानों का प्रभुत्व स्थापित करना, रही सही कसर चारो तरफ से घुसपैठ करा कर पूरा करना और फिर गजवा-ए-हिंद के सपने को साकार करना।

 

सुनकर दिमाग झन्ना गया न की कितनी बड़ी साजिश है ये। ऐसा इसलिए भी कह रहा हूँ की कुछ मित्रों से बात करने पर एक बड़ी अजीब बात पता चला है की आजकल सहारनपुर और मुजफ्फरनगर के इलाके में अचानक कुछ दलित समुदाय के लोग स्कल कैप (मुस्लिमों द्वारा पहनी जाने वाली टोपी) पहने लगे हैं। और अगर आप आज तक के इतिहास या संस्कृति पर नजर डालेंगे तो कोई भी दलित कभी स्कल कैप नहीं पहनता था, फिर अचानक ये परिवर्तन कैसे हो रहा है? ये एक सामान्य परिवर्तन है या ढंके छुपे धर्म परिवर्तन की तरफ इशारा करता है?

 

NRC से भी इस्लामिक संगठनों को यही दिक्कत है जब कागज दिखाने पड़ेंगे तो उनके ढंके छुपे कन्वर्शन के खेल और अंदरखाने भारतीय संस्कृति को खोखला करने के षड्यंत्र का सारा भेद खुल जाएगा। एक बात और इनकी सोच एकदम क्लियर है, चाहे उसे देश ने कितना बड़ा स्टार बना दिया हो या बड़े पद तक पहुंचा दिया हो, पहले धर्म उसके बाद कुछ बच गया तो संविधान है ही ढाल बनने के लिए। बड़े बड़े स्टार CAA के विरोध में खुलकर आ गए हैं जिसको देश ने इतना प्यार दिया। वो हम हैं जो चुप रह जाते हैं की हमारे मुस्लिम भाइयों को बुरा न लगे, इसलिए हमने राममंदिर का केस जितना पर पटाखे तक नहीं जलाए और वो प्रताड़ित हिन्दुओं को नागरिकता मिलने पर वो पूरा देश जलाने पर उतारू हैं।

 

हालाँकि मायावती की दिक्कत ये नहीं है की दलितों का सही इस्तेमाल होता है या गलत, दलितों से मायावती को लेना देना बस वोट तक ही सिमित है। अगर उनको वोट से ज्यादा सच में दलितों की चिंता होती तो पाकिस्तान से आए हिन्दू परिवारों में ज्यादातर दलित परिवार ही है, जिनको नागरिकता दी जा रही है, ऐसे में इस CAA का विरोध नहीं करती मायावती। उनकी दिक्कत ये है की दलित वोट बैंक उनके हाथों से खिसक न जाए, लेकिन वो खुलकर इसलिए नहीं बोल पाती की एक तरफ हाथ से छूटते दलित वोट है तो दुसरे मुस्लिम वोटों का लालच है।

 

अब मायावती अगर इस खले पर बोले तो मुस्लिम वोट हाथ से जाए और न बोले तो दलित हाथ से खिसक जाए। इसके लिए मायावती भी कम जिम्मेवार नहीं हैं, उन्होंने भी सत्ता के लिए जातीय खाई पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, रही सही कसर कुछ प्रभुत्व जातियों ने पूरी कर दी थी। अब इस कुंठा में वो इस पूरे खेल का पर्दाफाश करने की हिम्मत तो नहीं जुटा पा रही है, लेकिन रावण पर जुबानी हमला करके अपने भड़ास को निकाल कर दिल को तसल्ली दे रही है।

 

अब ये हमारी जिम्मेवारी बनती है की न सिर्फ इस षड्यंत्र को बेनकाब करना है, बल्कि इसको विफल भी करना है। दलितों को अछूत मानने और मंदिरों में प्रवेश जैसी दकियानूसी सोच के कुछ लोगों को चिन्हित करके उन्हें ऐसा करने से रोकना होगा। ऐसे लोग हिन्दू समाज के हितैषी नहीं बल्कि दुश्मन है। दलितों को इस तरह के एहसास से मुक्त करना होगा की वो हिन्दू समाज से अलग हैं। उन्हें ये एहसास दिलाना हम सबकी सामुहिक जिम्मेवारी है की वो हिन्दू समाज के उतना ही अंग है जितना बाकि अन्य जाति के लोग। दलित वो योद्धा हैं जिसने गरीब होते हुए भी, मुगलकालीन भारत में रहकर भी अपना धर्म नहीं बदला, हिन्दुत्व के साथ खड़े रहे, जबकि उस दौर में तलवार के डर से सलवार बदल लेते थे लोग। जय श्रीराम, जय भीम, जय भीमराव रामजी आंबेडकर।

Tags: Chandrashekhar RavanConspiracyJai Bhim Jai MimMahmood ParachaMayawati
Previous Post

नागरिकता कानून पर बंगाल में डरे हुए लोगों का हिंसक प्रदर्शन, आगजनी, तोड़फोड़, कारण समझ से परे

Next Post

पढ़ें और नागरिकता कानून पर फ़ैल रहे अफवाह और भ्रम को दूर करें

Related Posts

इंद्राणी मुखर्जी के एक बयान से आईएनएक्स मीडिया केस में फंसे चिदंबरम

August 21, 2019

मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों की सूची

May 30, 2019

तेजस्वी का दूरदर्शी घोषणापत्र, कहा – सत्ता में आए तो ताड़ी पर से रोक हटा देंगे!

April 8, 2019

मोदी भारत को `हिंदू राष्ट्र` बनाने की कोशिश कर रहे हैं: एचडी देवगौड़ा

April 2, 2019

भाजपा ने कांग्रेस से पूछा – सेना के खिलाफ तख्तापलट की झूठी खबर किसने प्लांट करवाई?

February 6, 2019

न चाहते हुए भी भाजपा के खिलाफ कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं : मायावती

December 12, 2018
Next Post

पढ़ें और नागरिकता कानून पर फ़ैल रहे अफवाह और भ्रम को दूर करें

Recent Posts

उर्वशी रौतेला ने आलिया भट्ट और रणबीर कपूर को दी शादी की शुभकामनाएं

उर्वशी रौतेला ने आलिया भट्ट और रणबीर कपूर को दी शादी की शुभकामनाएं

April 15, 2022

भारत में प्रथम विभिन्न विषय

April 9, 2022

विभिन्न क्षेत्रों में विश्व में प्रथम व्यक्ति

April 9, 2022
भारत के प्रमुख बाघ अभ्यारण्य कौन कौन हैं

भारत के प्रमुख वन्य जीव अभ्यारण्य और राष्ट्रिय उद्यान

April 9, 2022
भारत के पर्वतीय भ्रमण स्थल नगर और सम्बंधित राज्य

भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना

April 9, 2022
  • About
  • Contact
  • Privacy
Write for Us

© Samvad Plus - News, Opinion and Infotainment Website

  • Login
  • Sign Up
  • Home
  • News
  • Opinion
  • Politics
  • Entertainment
  • Lifestyle
  • Tech
  • Education
  • Vyakti Vishesh
  • Info

© Samvad Plus - News, Opinion and Infotainment Website

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In