कहानी की शुरुआत होती है कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक हैंडल के एक ट्वीट से, जिसमें मारपीट का एक विडियो पोस्ट कर ये बताने की कोशिश की गयी की उत्तरप्रदेश में दलितों को पिटा जा रहा है, उनका उत्पीड़न हो रहा है! इसके साथ ही जानबूझकर बहुत ही रणनीतिक तरीके इस ट्वीट में योगी आदित्यनाथ को अजय सिंह बिष्ट के नाम से संबोधित किया गया है, ताकि लोग ये समझें की राजपूतों ने दलितों का उत्पीड़न किया है!
यूपी में हर तरफ सिर चढ़कर बोल रहा है जंगलराज।
कानून का उड़ रहा मखौल, फैल हुआ अजय बिष्ट का राज।।गवाही देने पर निर्ममता से पिटाई का ये वीडियो भाजपा सरकार की नाकामी की गवाही दे रहा है। pic.twitter.com/7nDjHyEPOR
— Congress (@INCIndia) November 6, 2019
उसके बाद कहानी में अगला एंगल आता है की कांग्रेस पार्टी के इस ट्वीट को कोट करके Priyanka Gandhi ट्वीट कर कांग्रेस की उस रणनीति को आगे बढाने का प्रयास करती है, जिसपर कांग्रेस पिछले साल भर से काम कर रही है! मतलब खोयी सत्ता को पुनः प्राप्त करने के लिए उत्तरप्रदेश की जनता को जातिवाद में बाँटने की रणनीति! आगे बताएँगे इस रणनीति के बारे में, लेकिन देखिए प्रियंका ने क्या लिखा ट्वीट में – मतलब भाजपा के राज में दबंग रोज दलित और आदिवासियों की कर रहे हैं!
उप्र में दबंगों ने गवाही देने के लिए भयावह तरीके से दलित भाइयों की पिटाई कर दी।
भाजपा सरकार मूकदर्शक बनी देख रही है। हर रोज दलित-आदिवासियों पर दबंग-अपराधी खुलेआम हमले कर रहे हैं।
कानून-व्यवस्था का ये हाल और दलित आदिवासियों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। https://t.co/C9YcIvHKrj
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 6, 2019
कांग्रेस और प्रियंका गाँधी के ट्वीट देखकर लगा की सच में भाजपा के राज में दलितों के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है, लेकिन मैनपुरी पुलिस ने कांग्रेस और प्रियंका गाँधी की झूठ की पोल खोल कर रख दी! पुलिस ने ट्वीट कर बताया की विडियो में जो लड़ाई हो रही है उसमें कोई भी पक्ष दलित है ही नहीं, दोनों पक्ष राजपूत हैं! मतलब ये की प्रियंका अफवाह फैला रही थी!
उक्त खबर का खण्डन किया जाता है कि झगड़ा राजपूत परिवारों में हुआ था। जिसमें अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जा रही है। #uppagainstfakenews @Uppolice pic.twitter.com/Bl4V6sVwYt
— MAINPURI POLICE (@mainpuripolice) November 6, 2019
प्रियंका जी, पहली बात तो ये की झगड़े में कोई भी पक्ष दलित नहीं था, इसलिए सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए ऐसे अफवाह फैला कर समाज का माहौल दूषित करने का प्रयास न करें! आप देश की सबसे पुरानी पार्टी के राष्ट्रिय महासचिव हैं, अपनी गरिमा का मान रखें, छुटभैये नेता जैसी हरकतें न करें!
दूसरी बात की अगर एक पक्ष दलित होता भी तो क्या समाज में आम झगडे नहीं होते? हर झगड़े को दलित उत्पीड़न का रंग देना जरुरी है, उन्हें अपराध भी तो कह सकते हैं? अगर दलित का किसी से हुआ आम झगडा भी दलित उत्पीड़न हो जाएया? लेकिन हमें पता है की प्रियंका गाँधी और कांग्रेस पार्टी क्यों ऐसा कर रही है! कांग्रेस पार्टी प्रियंका गाँधी के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश में किस रणनीति पर काम कर रही है, उसका इशारा मिल रहा है!
पिछले एक साल से कांग्रेस पार्टी योगी आदित्यनाथ को अजय सिंह बिष्ट के नाम से बुला रही है, जबकि ये सिर्फ उनके बचपन का नाम है, जो कहीं भी इस्तेमाल नहीं होता! आप सोच कांग्रेस ऐसा क्यों कर रही है? तो आपको बता दें की ये यूँ ही नहीं, बल्कि एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है! इसके जरिए कांग्रेस योगी आदित्यनाथ की दबंग ठाकुरों वाली छवि गढ़ना चाहता है! और हर छोटी बड़ी घटना के बाद दलित हिंसा और दबंग जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रही है!
सत्ता में वापसी के लिए समाज को फिर से जातियों में बांटने के लिए कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है! इसके लिए बाकायदा वो अफवाह फ़ैलाने का मिशन छेड़ रखा है! अपने बुद्धिजीवी बंधुओं को हर छोटी बड़ी आम घटना को दलित उत्पीड़न क रंग देने के काम में लगा रखा है! सोसिअल्ल मीडिया में मौजूद अपने लिबरल साथियों की मदद से जय भीम जय मीम जैसे साजिशपूर्ण कैंपेन को हवा देने में लगी है! कांग्रेस को सिर्फ सत्ता चाहिए, चाहे भारत को तोड़कर, बांटकर या बर्बाद कर मिले!
लेकिन इस बार प्रियंका का दांव उल्टा पड़ गया और पुलिस ने उनकी पोल खोल दी, और कांग्रेस असली चेहरा सबके सामने आ गया! भारत के लोगों को नेताओं के बहकावे सावधान और अफवाहों से सावधान रहना है! समाज को बंटना नहीं है, एकता में ही ताकत है, हम भारतवासी एक होकर ही भारत फिर से दुनियां में सर्वश्रेष्ठ बना सकते हैं, बंटकर नहीं!
वैसे कांग्रेस को भारतीय संस्कृति की इतनी समझ तो होगी ही की संयासी की कोई जात नहीं होता, संयास लेने के बाद संयासी का वही नाम हो जाता है जो उसका गुरु उसको देता है, और योगी आदित्यनाथ कम उम्र में ही संयास ले चुके हैं! फिर इस तरह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अपमान क्यों कर रही है कांग्रेस?
अगर कांग्रेस जैसे ही छुटपन पर उतरकर भाजपा के बड़े नेता सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को उनके वास्तविक नाम से बुलाने लगे तो कैसा लगेगा? और भाजपा वालों को कांग्रेस गलत भी नहीं ठहरा पाएगी, क्योंकि वो इनलोगों का वास्तविक नाम ही होगा! और इनलोगों ने संयास भी नहीं लिया है, गुरु ने कोई नाम भी नहीं दिया है, बस अपने राजनीतिक फायदे के लिए नाम बदलकर बैठे हैं!
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