स्वतंत्रता के स्वर्ण विहान हिन्दुस्थान हो!
स्वतंत्रता के स्वर्ण विहान हिन्दुस्थान हो! गीत, अगीत, अनुगीत के विधान तुम कविता की शब्द-चारूत्ता के शोभा-धाम हो! भूधर-विपिन-लतादिक, ...
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